हर साल 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता है यह दिवस पूरे देश भर में मनाया जाता है इस दिवस की शुरुआत 2010 से की गई थी साथ ही यह दिवस 1992 में संविधान के 73 वें संशोधन के अधिनियम का भी एक प्रतीक है इस संशोधन के जरिए पंचायती राज नाम की एक संस्था की नींव रखी गई थी इसीलिए हर साल 24 अप्रैल को ही राष्ट्रीय पंचायती दिवस के रूप में मनाया जाता है साथ ही अगर इस दिवस के महत्व की बात करें तो हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का यह मानना था कि अगर देश के गांव में कोई भी खतरा पैदा होता है तो इससे पूरा भारत देश खतरे में पड़ जाएगा उनका हमेशा सही मानना था कि गांव हमारे देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण है साथ ही उनका हमेशा से ही गांव को मजबूत और सशक्त बनाने का सपना था क्योंकि वह हमेशा से ही यह मानते थे कि गांव ही हमारे देश की रीड की हड्डी है और इसी सपने को पूरा करने के लिए पंचायती राज को पेश किया गया था साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दे पंचायती राज के अंदर पांच सदस्यों की सभा होती है और इसे पंचायत के नाम से जाना जाता है यह सदस्य स्थानीय समुदायों की विकास के लिए और गांव के विकास और समृद्धि के लिए कार्य करते हैं साथ ही पंचायती राज में सरपंच पूरे गांव का सबसे सम्मानित साथ ही अगर हम इस समय की बात करें तो पंचायती राज संस्थानों को कई तरह के अधिकार दिए जाते हैं और इन सभी चीजों का एक ही उद्देश्य होता है कि राष्ट्र के गांव को सशक्त बनाना और साथ ही गांव को अधिक से अधिक विकसित करना