
हर साल पूरे विश्व में 21 नवंबर को वर्ल्ड टेलिविजन डे के रूप में मनाया जाता है और इस दिन का उद्देश्य होता है टेलीविजन के महत्व को उजागर करना टेलीविजन को हम एक मास मीडिया के तौर पर देख सकते हैं जहां पर हमें ऑडियो विजुअल के जरिए खुद को मनोरंजन करने के साथ-साथ इससे हम शिक्षा समाचार राजनीति आदि की जानकारी भी एक जगह पर बैठे-बैठे ले सकते हैं साथ ही इसका आविष्कार शिक्षा और मनोरंजन के लिए सबसे जरूरी माना गया है अगर हम इस दिवस के ध्यास की बात करें तो इसे नवंबर 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार मनाया था प्रमुख मीडिया हस्तियों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया था जहां उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर टेलीविजन के बढ़ते महत्व पर चर्चा की और इसके बाद से महासभा ने हर साल 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन डे के रूप में मनाने का फैसला किया था टेलीविजन का आविष्कार जॉन लोगी बेयड ने साल 1924 में किया था और इसके बाद साल, 1927 में दुनिया के पहले वर्किंग टेलीविजन का निर्माण किया था और इसे 1 सितंबर 1928 को प्रेस के सामने पेश किया गया कलर टेलीविजन का आविष्कार भी जॉन लोगी ने 1928 में किया था जबकि इसकी पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग 1940 में शुरू की गई थी भारत में भी 15 सितंबर 1959 को टेलीविजन की शुरुआत की गई थी और इसका उद्घाटन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने किया था और 80 के दशक में आते-आते टेलीविजन ने भारत को एकजुट करने में काफी मदद की थी अगर हम भारत की बात करें तो 1975 तक भारत के केवल 7 शहरों में ही टेलीविजन की सेवा शुरू थी वहीं भारत में कलर टीवी और राष्ट्रीय प्रसारण की शुरुआत साल 1982 में हुई थी हमेशा से ही टेलीविजन ने कई लोगों समुदाय को जैसे की रामायण और महाभारत जैसे प्रतिष्ठित शो शो देखने के लिए एक ही स्क्रीन के सामने इकट्ठा करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी टीवी एक तरीके से सभी समुदाय के लोगों को एक साथ लाने का एक अहम स्रोत बन चुका है और इसी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए हर साल 21 नवंबर को वर्ल्ड टेलिविजन डे मनाया जाता है.