हर साल भारत में 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है 1998 मे, 11 मई के दिन ही भारतीय सेना ने पोखरा टेस्ट रेंज में शक्ति 1 परमाणु मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था और उसी के बाद से 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिवस के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तरफ लोगों का ध्यान एकत्रित किया जाता है साथ ही हमारे देश और जीवन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का कितना महत्व है और साथ ही इंजीनियरों की उपलब्धि पर भी लोगों को ध्यान केंद्रित किया जाता है साथ ही इस दिवस के माध्यम से वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की उपलब्धियों का भी सम्मान किया जाता है हर किसी को इस दिवस के माध्यम से यह बताने की कोशिश की जाती है कि हमारे जीवन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का कितना बड़ा महत्व है। देश के विकास के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है बिना इस के किसी भी देश का विकास होना असंभव है। अगर इस दिन के इतिहास के बारे में बात की जाए तो11 मई को परमाणु मिसाइल परीक्षण ऑपरेशन का संचालन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा ही किया गया था साथ ही ऐसे परीक्षण के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान सहित कहीं देश भारत के खिलाफ भी थे और साथ ही उन्होंने भारत के खिलाफ विभिन्न प्रतिबंध भी प्रस्तुत किए थे लेकिन इसके बाद भी परमाणु मिसाइल का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया परमाणु मिसाइल का परीक्षण करने के बाद ही भारत परमाणु क्लब में शामिल हो गया था और इसके साथ ही वह विश्व का छठा देश बन गया था जो कि परमाणु क्लब में शामिल हुआ था और इसके साथ से ही भारत को परमाणु शक्ति भी माना गया है