लाल ग्रह दिवस हर साल 28 नवंबर को मनाया जाता है यह दिवस मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है क्योंकि मंगल ग्रह को ही हम लाल ग्रह के नाम से जानते हैं जो हमारे सौरमंडल का चौथा ग्रह है ऐसी बहुत सी कहानियां और मिथक लाल ग्रह को लेकर सामने आती रहती है जिनकी वर्तमान में वैज्ञानिक जांच कर रहे हैं इस दिवस को 28 नवंबर को इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि 28 नवंबर 1964 को मंगल ग्रह पर पहली बार अंतरिक्ष यान मेंरिनर फोर पहुंचा था, और किसी की याद में 28 नवंबर को लाल ग्रह दिवस मनाया जाता है लगभग 8 महीने की यात्रा के बाद 14 जुलाई 1965 को अंतरिक्ष यान ने लाल ग्रह का फ्लाईबाई पूरा किया साथ ही मंगल ग्रह की खोज और वैज्ञानिक जांच के लिए और अंतरिक्ष यान के दौरान इकट्ठा किया हुआ डाटा काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है और उस सूचना को वापस पृथ्वी पर भेजा गया था साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंगल के कई सारे रहस्य को दुनिया के सामने लाने में भारत की भी एक अहम भूमिका रही है भारत ने ही सबसे पहले मंगल पर पानी होने की बात कही थी और इसके बाद से दूसरे देशों की स्पेस एजेंसी हो ने इस बात को मान्यता दी थी इस ग्रह में काफी सारी अद्भुत चीजें हैं यह ग्रह जहां ठंडा है वही गर्म भी है इसके आसपास के वातावरण में कहीं तरीके की जैसे साथ ही यहां की सबसे ऊंची चोटी ओलंपस मंस है मंगल और पृथ्वी में जो सबसे बड़ा अंतर है वह यह है कि धरती का करीब दो तिहाई हिस्सा पानी में डूबा है वही मंगल पर ऐसा कुछ नहीं है साथ ही अगर ग्रेविटी की बात करें तो धरती की तुलना में मंगल पर ग्रेविटी 37 फ़ीसदी है धरती पर जहां सूर्यास्त के समय कई रंग दिखाई देते हैं वहीं मंगल पर इसका बिल्कुल उल्टा होता है मंगल पर रात में नीला आसमान दिखाई देता है जबकि दिन में यह कुछ गुलाबी था नजर आता है तो मंगल हमेशा से ही हमारी जिज्ञासा का एक केंद्र रहा है और इसीलिए इस मंगल ग्रह को और ज्यादा समझने के लिए यह लाल ग्रह दिवस मनाया जाता है