
झारखंड सरकार द्वारा हर साल 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस मनाया जाता है और इसका समारोह रांची के मोराबादी मैदान में होगा. संसद द्वारा बिहार पुनगठन अधिनियम 2000 पारित करने के बाद झारखंड बिहार से अलग हो गया और साल 2000 में बिहार से अलग होने के बाद झारखंड हर साल 15 नवंबर को अपना स्थापना दिवस बनाता है.
इस राज्य के आदिवासियों ने बहुत पहले ही अपने लिए एक अलग राज्य की मांग की थी क्योंकि आजादी के बाद आदिवासी लोगों को सामाजिक आर्थिक लाभ नहीं मिल रहे थे और उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया जिसमें भारत के स्वतंत्र होने के तुरंत बाद सरकार से विरोध करा और अपील की कि उन्हें एक अलग राज्य में दे और उसी के परिणाम स्वरुप सरकार ने 1995 में झारखंड क्षेत्रफल परिषद की शुरुआत की और 2000 में इस मांग को पूरा किया गया. झारखंड राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मांडवी थे उन्होंने बीजेपी को 2006 में छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा की स्थापना भी की थी झारखंड स्थापना दिवस को आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में भी जाना जाता है झारखंड में बिरसा मुंडा को लोग भगवान बिरसा के नाम से भी जानते हैं इस साल यह राज्य के 22 में स्थापना दिवस समारोह को लेकर झारखंड सरकार ने स्थापना दिवस के प्रभारी मंत्रियों की सूची तैयार कर ली है स्थापना दिवस समारोह का मुख्य कार्यक्रम राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेना व ग्रामीण विकास मंत्री भी शामिल होंगे, और इस बार इस दिवस समारोह में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें 15000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 12:30 बजे से होना शुरू होगी और साथ ही कार्यक्रम स्थान तक पहुंचने के लिए करीब 350 बसों की भी व्यवस्था की गई है पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि झारखंड स्थापना दिवस पर एक बार पहले से कहीं ज्यादा बेहतर व्यवस्था होगी और इस बार की तैयारियां काफी शानदार नजर आएंगी.
साथ ही यह भी मालूम होता है कि इस बार झारखंड स्थापना दिवस पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रण किया गया है लेकिन उन्होंने समारोह में शामिल होने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है लेकिन राष्ट्रपति झारखंड जरूर आएंगी लेकिन वे रांची एयरपोर्ट से होकर भगवान बीरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देकर वापस लौट जाएंगी.