हर साल 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य जेंडर के बीच संबंधों में सुधार करना है साथ ही पुरुषों के प्रति सकारात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ाना भी है और इसका उद्देश्य पुरुषों के मुद्दों के बारे में बुनियादी जागरूकता को बढ़ावा देना है भारत में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 2007 में मनाया गया था और इस दिवस को हर बार एक नई थीम के साथ बनाया जाता है और पुरुष दिवस 2022 की थीम इस बार हेल्पिंग मैन एंड बॉयस है.

अगर इसके इतिहास की बात की जाए तो 1999 में, जेरोम टीलक सिंह ने , इस मुद्दे को उठाया और कहा कि जब उन्होंने महसूस किया कि  पुरुषों का जश्न मनाने का कोई भी दिन नहीं होता उन्होंने सकारात्मक पुरुष मॉडल के महत्व को भी समझाया और फिर 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने का फैसला किया और जिस दिन उनके व्यक्तिगत रोल मॉडल उनके पिता की जयंती थी उसी दिन को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के रूप में घोषित किया गया यह दिन पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को उजागर करने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण कदम था भारत में भी इस दिवस को 2007 में मनाया गया था और हैदराबाद की लेखिका उमा चलता ने शुरू किया यानी एक महिला द्वारा भारत में इंटरनेशनल मैन डे की शुरुआत की गई थी .

यह पुरुषों के उत्सव आप को कम करने का दिन है जो समाज द्वारा उन पर लगातार डाला जाता है समाजउनकी उपेक्षा करता है कि वह मजबूत है और मदद ना मांगे और ना ही अपने दिल की बात किसी से शेयर करें और आज का दिन रूढ़िवादी सोच को तोड़ने और साथ ही उनको सकारात्मक रूप से परिभाषित करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है.

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